महाशिवरात्रि 2025: पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और रोचक तथ्य | जानिए कैसे मनाएं यह पावन पर्व
महाशिवरात्रि 2025: परिचय
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 26 फरवरी, बुधवार को पड़ रहा है। इस दिन शिवभक्त व्रत, पूजा, और जागरण करके अपनी इच्छाओं की पूर्ति और मोक्ष की कामना करते हैं। यह न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
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| महाशिवरात्रि 2025: पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त। |
महाशिवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त
• तिथि: 26 फरवरी 2025 (फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी)
• निशिता काल पूजा का समय: रात 12:07 बजे से 1:00 बजे तक (27 फरवरी की मध्यरात्रि)
• चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी सुबह 6:32 बजे से
• चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी सुबह 5:14 बजे तक
🔔 नोट: निशिता काल में शिवलिंग का अभिषेक सबसे शुभ माना जाता है।
पूजा विधि और आवश्यक सामग्री
महाशिवरात्रि पर पूजा का विशेष महत्व है। इसकी सरल विधि निम्न है:
1 सुबह का संकल्प: स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
2 शिवलिंग अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, और बेलपत्र से शिवलिंग को स्नान कराएं।
3 वस्त्र और फल अर्पित करें: सफेद या लाल वस्त्र, फल, धतूरा, और अकुआ के फूल चढ़ाएं।
4 मंत्रों का जाप: "ॐ नमः शिवाय" का 108 बार जाप करें।
आरती और प्रसाद: घी का दीपक जलाकर आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
आवश्यक सामग्री:
• शिवलिंग, बेलपत्र, धतूरा, अकुआ फूल
• पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल)
• कपूर, चंदन, रुद्राक्ष माला
महाशिवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
• अंधकार पर प्रकाश की विजय: यह त्योहार अज्ञानता और नकारात्मकता को दूर कर आत्मज्ञान का प्रतीक है।
• शिव-शक्ति का मिलन: इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
• कुंडलिनी जागरण: रात्रि जागरण से शरीर की ऊर्जा चक्र सक्रिय होते हैं।
•वैज्ञानिक पहलू: चंद्रमा की स्थिति शरीर और मन को संतुलित करती है।
📜 रोचक तथ्य और पौराणिक कथाएं
• समुद्र मंथन की कथा: इस दिन विष पीकर शिव ने संसार को बचाया था।
• 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व: महाशिवरात्रि पर इनके दर्शन करने से मोक्ष मिलता है।
• वैश्विक उत्सव: नेपाल, इंडोनेशिया और मॉरीशस में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
• ऐतिहासिक साक्ष्य: मध्यकालीन मंदिरों में इस पर्व का उल्लेख मिलता
🎯 निष्कर्ष
महाशिवरात्रि सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और चेतना के उत्थान का दिवस है। 2025 में इस पर्व को उचित विधि से मनाकर आप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव हर किसी के हृदय में बसते हैं—बस थोड़ी श्रद्धा और समर्पण की दरकार है।
🕉️ ॐ नमः शिवाय 🕉️

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